Yashvant Verma
THOUGHT PROCESS:SOME PEOPLE SAYS THERE IS NOTHING LIKE GOD ETC,SOME
PEOPLE BELIEVES THERE EXIST GOD IN THIS WORLD.I REALLY DON’T KNOW THERE
IS GOD PRESENT OR NOT.BUT WHAT I KNOW ABOUT MY GOD IS IN THAT POEM………
धरती में आने की ,जब आई मेरी बारी .
सामान पैक करके ,भगवन की कर दी पूरी तैयारी .
थोडा घबराया ,थोडा सकपकाया .
और अपने आप को ,थोड़ी उलझन में पाया .
कहा ,भगवान मै तनहा रह न सकूँगा .
अपनी उलझन किसी से कह न सकूँगा .
भगवान ने समझाया ,फिर गले लगाया ..
कहा ,बन्दे धरती में मेरी अब भी पहचान है .
और मुझसे भी बड़े ,वहां और भगवान है .
यहाँ जब मै आया ,तो मैंने पाया .
कंधे पे बिठा के ,किस्से सुना के .
सही रास्तो पे ,जो चलाना सिखाया .
पदाया लिखाया और काबिल बनाया .
थोडा जो डांटा ,तो इतना मनाया .
सपनो के पर लगा के ,हौसला बड़ा के ,खुले आसमा में जो उड़ना सिखाया .
जब गिर पड़े कभी यूँ लडखडाके ,खुद को उनकी आँचल में पाया .
संग हो हमेशा ,जब हम हो अकेले .
वो बचपन की गलियां,वो गावो के मेले
.हमारे लिए वो , कितने तकलीफ झेले .
हमारी बालियाँ ,जो अपने सर पे लेले .
ऐ खुदा अब तू ,इतना सिखा दे .
वो दिन ना आये ,जब उनका दिल दुख दे .
अब दूर उनसे ,एक पल रहना है मुश्किल .
कैसे बताये ,ये कहना है मुश्किल .
सलामत रहे वो ,बस इतना आरमान है .
किसी ने सच ही कहा है ,धरती में अब भी भगवान है .
किसी ने सच ही कहा है ,धरती में अब भी भगवान है .