बहुरंगी रंगोली सजाई,
चौबारे पर दिये जलाये,
लक्ष्मी पूजन आरती वंदन,
कार्तिक मास अमावस आई।
मन मयूर सा नाच उठा जब,
साजन घानी चूनर लाये,
घानी चूनर जड़े सितारे,
दीप दिवाली के या तारे,
खील, बताशे फुलझड़ी, पटाखे,
मिष्ठान और पकवान, निराले,
मन के कोने मे बैठे इक,
बालक का मन ललचा जाये।
सखी, सहेली, मित्र, प्रियजनो के,
सुन्दर उपहार सजीले,
दीपावलि के शुभ अवसर पर,
स्नेह संदेशा लेकर आये।