सलिल जी जय-जय, बताओ घनाक्षरी ये,
मात्राओं का गणित भी, गुरू स्वीकारिये,
धन्य हैं सलिल आप, ज्ञान को बिखेर कर,
ई- कविता धन्य हुयी, सच आप मानिये,
आठ-आठ-आठ-सात, यति जो लगाई मैंने,
लघु – गुरु के प्रवाह, घनाक्षरी जानिये,
गौतम का प्रयास है, त्रुटि मेरे छंद में हो,
छात्र – पाठशाला में हूँ, मांफ कर दीजिये |