पाप, द्वेष, निज, बैर की,
चलो जलाएँ होली आज ।
सत्य, धर्म, ईमान की,
खूब उड़े रंगोंली आज ।।
हम सबके हों, सब अपनें,
तो हर्ष का अम्बार है ।
प्रे्म रंग में रंग जाओ,
रंगों का त्यौहार है ।।
जयहिन्द-वन्दे मातरम्
---- राम कुमार वर्मा