आज कानून ने उनको बाइज्जत बरी कर दिया ,
इत्तफाकन कानून उन्ही का है ,मुंसिफ भी उन्ही का |
जुल्मो सितम है अमीरों का लहजा,
आंसू है गरीबों की भाषा,
नयी सदी की नयी परिभाषा|
यह सियासत आंकड़ो में बात करती है,
ले के झूठे पैमाने नाप तौल करती है ,
लोग चाहते है उनकी किस्मत बदले,
सियासत आंकड़े बदलती है|
कुदरत और इंसान का अजब सा रिश्ता है,
उधर शहर के बड़े लोग नाराज हुए मुझसे,
इधर हवाओं ने अपना रुख बदल लिया|
शायद आज सो सकूँगा सकून से ,
आपनी मोहब्बत का वो आखिरी गवाह ,
पेड़ आज आंधियों ने गिरा दिया|
sunil jain