जिंदगी जिन्दगी

Sunil Jain

खुशियों ने वादा किया है ,फिर से आने का,

फिलहाल वो गैरों के घर रहने गई है

वो दिन उदास था,वो शाम उदास थी,

नया कुछ नहीं,ये रोज़ की बात थी|

जिदगी मेरी है,उसमे सांसे तेरी है,

शेर मेरा है,कहानी तेरी है| ,,

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