जो काम
हम न कर पाए
और तुम भी
वो किसी न किसी से
कहीं न कही
जरुर हुये होगें
हमारी इच्छायें कामना
कहीं और रुप में
कभी जरुर पूरी हुई होगी
पर न जाने
वहां किस तरह
माना गया होगा
उन्हें काम
बोझ
या सपने की तरह!! ....किरण राजपुरेाहित नितिला