"कसम है तुम्हें तुम्हारे इतिहास की .."


अपना देश
बड़ा अनोखा
सफलतम धंधा...
राजनीति
मूल मंत्र ...
'बाँटो और राज करो'
पोषित होते...
असली आतंकी
वो भी सारे के सारे
होते पूर्णतया सुरक्षित
सरकारी जेलों में .........
मिलती भरपूर सुविधाएँ
विडम्बना सिर्फ यही ...
कहते 'हिंदुस्तान'
दूसरा दर्जा हिन्दुओं को ही ....
पेशे खिदमत है .....
दरबार की एक नज़र ....
आर एस एस का
प्रत्येक हिन्दू
ही घोषित हो
'आतंकवादी '
चाहे हो वो साध्वी
या संत ही क्यों ना
पहनावा तो देखो
जरा गौर से
खतरनाक 'पैंट'
वो भी आधी
सफ़ेद कमीज
एकदम
'बुलेट प्रूफ जैकेट' जैसी
सिर पर डेंजरस टोपी
अच्छों-अच्छों का
माइंड डायवर्ट कर देती है
और हथियार तो देखो
साढ़े चार फुटी 'डंडा'
बाप रे बाप....
कितना खतरनाक..
खुलेआम देता ट्रेनिंग
वो भी डंडा भांजने की
जरा उम्र तो देखो
चालीस से सत्तर साल
बिलकुल पकी हुई...
बहुत शातिर राष्ट्रभक्त लगता है....
'हिन्दू ' कहीं का....
मत लगाना रासुका...
सीधा एनकाउंटर ही कर दो ...

हिन्दुओं !!!
कसम है तुम्हें तुम्हारे इतिहास की ..
कभी एक मत होना ......................
वर्ना इतिहास पर धब्बा लग जाएगा....

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