नया साल 2012


चले जब पुराना नया साल आए
इसे देखकर सब के सब मुस्कराए

बहुत हो चुका अब न झांसे में आना
'न जाने नया साल क्या गुल खिलाए'

 

धमाकों की आवाज़ कानों में गूंजे
ख़ुशी में कोई गर फटाखे जलाए

 

धमाकों से छलनी हुआ उसका सीना

भला मामता उसको कैसे भुलाए?

 

ये कैसा नशा है , ये कैसी खुशी है

नए साल में हर कोई झूमे - गाये

हुए कल जो जाँ बाज़ कुर्बान देवी

हमारे इन अश्कों में वो झिलमिलाए

न हो दहशतें रक्सां देवी जहाँ पर

उसी सर ज़मीं को वो आंगन में लाए

देवी नागरानी

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