मैंने पूछा-
तुम किस जाति के हो
वह चुप रहा
मैंने फिर पूछा--
क्या तुम हिंदू हो
वह खामोश था।
क्या तुम मुसलमान हो
उसके पास कोई उत्तर नहीं था।
तुम किस प्रांत के हो
तब भी वह चुप ही था।
मैने उसे क्रोध भरी नजरों से देखा--
क्या तुम बहरे हो
तेरे लिए मैं बहरा ही नहीं--
अँधा, लँगड़ा और गूँगा भी हूँ।
अब मेरे पास कोई प्रत्युत्तर नहीं था।