तुम्हारी इन आँखों में झील सी गहराई है
जुल्फों की बदलियों में सावन की घटा छाइ है
लबो पर हया की शोखिया , अदाओ में अंगड़ाई है
इतना प्यार करते हो हमसे तो कह क्यों नहीं देते
तुम्हारे दिल की सारी मुहब्बत तुम्हारी आँखों मे उतर आयी है
चुप चुप बैठे हो कुछ कहते ही नहीं , यार ये कैसी बेवफाई है
चुप चुप बैठे हो कुछ कहते ही नहीं , यार ये कैसी बेवफाई है