आज के आधुनिक दौर में बच्चों का सृजनात्मक दायरा बढ़ रहा है. वे न सिर्फ
देश के भविष्य हैं, बल्कि हमारे देश के विकास और समृद्धि के संवाहक भी.
जीवन के हर क्षेत्र में वे अपनी प्रतिभा का डंका बजा रहे हैं. बेटों के
साथ-साथ बेटियाँ भी जीवन की हर ऊँचाइयों को छू रही हैं. ऐसे में वर्ष 1986
से हर वर्ष शिक्षा, संस्कृति, कला, खेल-कूद तथा संगीत आदि के क्षेत्रों में
उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों हेतु हेतु महिला एवं बाल विकास
मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' आरम्भ किये गए हैं।
चार वर्ष से पन्द्रह वर्ष की आयु-वर्ग के बच्चे इस पुरस्कार को प्राप्त
करने के पात्र हैं.
वर्ष 2011 के लिए 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' 14 नवम्बर 2011 को विज्ञानं
भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में भारत सरकार की महिला एवं
बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ द्वारा प्रदान किये गए. विभिन्न
राज्यों से चयनित कुल 27 बच्चों को ये पुरस्कार दिए गए, जिनमें मात्र 4 साल
8 माह की आयु में सबसे कम उम्र में पुरस्कार प्राप्त कर अक्षिता (पाखी) ने
एक कीर्तिमान स्थापित किया. गौरतलब है कि इन 27 प्रतिभाओं में से 13
लडकियाँ चुनी गई हैं. सम्प्रति अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भारतीय डाक
सेवा के निदेशक और चर्चित लेखक, साहित्यकार, व ब्लागर कृष्ण कुमार यादव एवं
लेखिका व ब्लागर आकांक्षा यादव की सुपुत्री और पोर्टब्लेयर में कारमेल
सीनियर सेकेंडरी स्कूल में के. जी.- प्रथम की छात्रा अक्षिता (पाखी) को यह
पुरस्कार कला और ब्लागिंग के क्षेत्र में उसकी विलक्षण उपलब्धि के लिए दिया
गया है. इस अवसर पर जारी बुक आफ रिकार्ड्स के अनुसार- ''25 मार्च, 2007 को
जन्मी अक्षिता में रचनात्मकता कूट-कूट कर भरी हुई है। ड्राइंग, संगीत,
यात्रा इत्यादि से सम्बंधित उनकी गतिविधियाँ उनके ब्लाॅग ’पाखी की दुनिया
(http://pakhi-akshita.blogspot.com/) पर उपलब्ध हैं, जो 24 जून, 2009 को
आरंभ हुआ था। इस पर उन्हें अकल्पनीय प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। 175 से
अधिक ब्लाॅगर इससे जुडे़ हैं। इनके ब्लाॅग 70 देशों के 27000 से अधिक लोगों
द्वारा देखे गए हैं। अक्षिता ने नई दिल्ली में अप्रैल, 2011 में हुए
अंतर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में 2010 का ’हिंदी साहित्य निकेतन
परिकल्पना का सर्वोत्कृष्ट पुरस्कार’ भी जीता है।इतनी कम उम्र में अक्षिता
के एक कलाकार एवं एक ब्लाॅगर के रूप में असाधारण प्रदर्शन ने उन्हें
उत्कृष्ट उपलब्धि हेतु 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2011' दिलाया।''इसके तहत
अक्षिता को भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ
द्वारा 10,000 रूपये नकद राशि, एक मेडल और प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया.
यही नहीं यह
प्रथम अवसर था, जब किसी प्रतिभा को सरकारी स्तर पर हिंदी ब्लागिंग के लिए
पुरस्कृत-सम्मानित किया गया. अक्षिता का ब्लॉग 'पाखी की दुनिया'
(www.pakhi-akshita.blogspot.com/) हिंदी के चर्चित ब्लॉग में से है और इस
ब्लॉग का सञ्चालन उनके माता-पिता द्वारा किया जाता है, पर इस पर जिस रूप
में अक्षिता द्वारा बनाये चित्र, पेंटिंग्स, फोटोग्राफ और अक्षिता की बातों
को प्रस्तुत किया जाता है, वह इस ब्लॉग को रोचक बनता है.