प्रधान डाकघर में नागरी लिपि प्रशिक्षण आयोजित


नागरी लिपि को अभ्यास से ही सीखा जा सकता है—प्रो. शुक्ल
शिलांग (ए. सं.) नागरी लिपि परिषद्, नई दिल्ली एवं पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलांग के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 18 जुलाई से 22 जुलाई 2011 तक शिलांग प्रधान डाकघर के हिंदीतर भाषी डाकवितरकों के लिए नागरी लिपि का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। समापन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो. विद्याशंकर शुक्ल ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी भाषा और देवनागरी लिपि पूरे भारत वर्ष के लिए है। नागरी लिपि आप तभी सीख पाएंगे जबकि आप इसका अभ्यास करेंगे। उन्होंने डाकवितरकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप अपना संकोच छोड़ कर नागरी लिपि का अभ्यास कीजिए। इस लिपि को अपना कर आप अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं. यह लिपि आपके लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। उन्होंने नागरी लिपि अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि इस लिपि को व्यवहार में लाने से ही आप इसे सीख पाएंगे।
इस समारोह में त्रिपुरा राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, धर्मनगर के संयुक्त सचिव श्री शुभ्रांशु दत्त उपस्थित थे, उन्होंने समापन समारोह के संबोधित करते हुए कहा कि डाक-कर्मियों के लिए आयोजित यह प्रशिक्षण अत्यंत लाभदायक सिद्ध हुआ है। नागरी लिपि के अभ्यास की चर्चा करते हुए श्री दत्त ने कहा कि इसका अभ्यास किया जाना चाहिए। इस कार्यशाला के बाद यदि आप इसका अभ्यास नहीं करेंगे तो इससे कोई लाभ नहीं मिल पाएगा। आप कोशिश जारी रखिए । साथ ही उच्चारण और वर्तनी पर भी ध्यान देते रहिए।
शिलांग महाविद्यालय की व्याख्याता श्रीमती जानेट डखार ने अपने वक्तव्य में कहा किया नागरी लिपि की उपयोगिता को समझते हुए आप इसे व्यवहार में लायें। बीएसएफ सीनियर सेकण्डरी स्कूल की पीजीटी ने कहा कि हम लोग इस तरह के प्रशिक्षण का आयोजन पिछले कई वर्षों से कर रहे हैं। आप को इसका लाभ उठाना चाहिए। श्रीमती सरला मिश्रा कहा कि इस प्रशिक्षण से काफी लाभ मिला है। नागरी लिपि को पढ़ने में डाकवितरकों के लिए काफी आसानी हुई है। सीनियर पोस्टमास्टर श्री डी. चिदम्बरम् ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि नागरी लिपि परिषद् और पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी हमारे लिए इस तरह का प्रयास कर रही है। हमें इसका लाभ उठाना चाहिए। यह लिपि हमारे विभाग के लिए अत्यंत उपयोगी है। अतः आप सब को इस पर ध्यान देने का जरूरत है।
प्रतिभागी सुश्री मोनिका देब और स्मृति देब ने हिंदी में गीत प्रस्तुत किया। प्रतिभागियों ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इस समापन समारोह का सफल संचालन श्रीमती मञ्जु लामा ने किया। श्रीमती सुस्मिता दास के धन्यवाद ज्ञापन के साथ इस समारोह का समापन किया गया।
---डॉ. अकेलाभाइ

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