शिक्षक विकास परिषद, गोवा एवं शिक्षक विकास प्रतिष्ठान, द्यानदीप मंडल
निदेशक, कला व संस्कृति विभाग, गोवा सरकार, के संयुक्त तत्वाधान में 5 और 6
नवम्बर, 2011 को शिरोडा के शिवनाथ मंदिर हाल में आयोजित , एक विशेष
राष्ट्र- स्तरीय शैक्षणिक अधिवेशन में मुम्बई की वरिष्ठ साहित्यकार व
स्वर्गविभा की स्थापिका, डा० श्रीमती तारा सिंह को , उनकी उत्कृष्ट साहित्य
सेवा तथा अभूतपूर्व उपलब्धियों के लिये ’ राष्ट्रीय साहित्य विद्यालंकार “
मानदोपाधि से अलंकृत किया गया । परिषद अध्यक्ष डा० आर० वी० कुलकर्णी के
हाथों श्रीमती सिंह को शाल , बुके, प्रतीक चिह्न तथा प्रमाण – पत्र प्रदान
किये गये ।
इसी बीच उच्चस्तरीय रचनाधर्मिता व काव्य सृजन क्षमता हेतु डा० श्रीमती सिंह
को साहित्यिक, सांस्कृतिक कला संगम एकाडमी, परियावाँ द्वारा ’ पं० दुर्गा
प्रसाद शुक्ल स्मृति सम्मान-2011’ तथा ’ हिन्दी गरिमा सम्मान-2011’ ; मध्य
प्रदेश लेखक संघ, गुणा द्वारा ’ श्रीकृष्ण सरल सम्मान -2011’ ; सुमन
साहित्य संस्था, बिजनौर द्वारा ’ काव्य सेतु सम्मान-2011’ तथा भारतीय वाड़मय
पीठ, कोलकाता द्वारा ’ रवीन्द्र नाथ ठाकुर सारस्वत सम्मान—2011’ से नवाज़ा
गया । अब तक डा० श्रीमती सिंह , 192 राष्ट्रीय / अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं
द्वारा सम्मानित / पुरस्कृत हो चुकी हैं और उनकी 25 पुस्तकें प्रकाशित हो
चुकी हैं ।
स्वर्गविभा (www.swargvibha.in) की स्थापिका , डा० श्रीमती तारा सिंह ,
द्वारा लिखी गई ( अपना जीवन-वृत्त ) इंटरनेट के लगभग डेढ़ लाख साइटों में (
Wikipedia द्वारा आंकलन के बाद ) भाषा, शैली और शब्द - सुन्दरता के आधार पर
प्रथम स्थान पाई है । फ़लस्वरूप अमेरिका के सर्वश्रेष्ठ प्रकाशक ,बार्न्स
एन्ड नोबुल [ जिसका मुख्यालय न्यू जर्सी , अमेरिका है और जिसका ब्रांच
इंगलैन्ड तथा जर्मनी में भी है ] द्वारा श्रीमती सिंह के जीवन कार्यकलाप पर
आधारित, 96 पृष्टों की पुस्तक,’ TARA SINGH ( AUTHOR )’ निकाली गई है
(मूल्य - $ 48) । हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि इसके बाद की ऊँचाई भी
, डा० श्रीमती सिंह को जल्द प्राप्त हो ।
डा० बी० पी० सिंह
स्वर्गविभा टीम,
नवी मुम्बई की ओर से