कितने नगमे अभी बाकी हैं, कितने सवाल अभी बाकी हैं...
खुदसे कितने किए वादें रूथ गए हैं लेकिन,
दिल में कुछ अरमान अभी भी बाकी हैं....
कितनी रातें अभी बाकी हैं, उन्न रातों की मंज़िलें अभी बाकी हैं....
दिल तो अभी टूट चुका हैं लेकिन,
किसी का इंतज़ार अभी बाकी हैं....
कितनी ख्वाइशें अभी बाकी हैं, उनकी उड़ाने अभी बाकी हैं....
किस्मत से कितनी बार हार चुके हैं लेकिन,
जीत का जुनून अभी बाकी हैं....
दोस्तों से कितना प्यार अभी बाकी हैं, कितनी शिकायतें अभी बाकी हैं....
कितने साथ छूट चुके हैं लेकिन,
दोस्ती थोड़ी बाकी हैं......
कितनी यादें अभी बाकी हैं, कितने सपने अभी बाकी हैं...
दिल तो शायर हैं लेकिन, शायरी अभी बाकी हैं.....
प्राजकता प्रभुणे