सारे दर्द का फ़साना, उम्मीद ही है,
बूढ़े माँ-बाप का तराना, उम्मीद ही है।
बड़े लाड-प्यार से पाला, बेटे को हमने,
बुढ़ापे में बनेगा सहारा, उम्मीद ही है।
डॉ अ कीर्तिवर्धन