"डर के साए में मनें, क्यों अपने त्योहार; आ भाई, चल तोड़ दें; नफ़रत की दीवार!"
" चल हम करनी छोड़ दें, आपस में तनक़ीद; तेरे घर होली मने, मेरे घर हो ईद ।"