कुछ प्यारासा..जहनमें आया है अभी अभी एक पर्चि और एक कलम कि जरुरत है अभी अभी उड जायेगा तितली कि तरह ये खयाल भी इसी खयालसे घबरासां गया है दिल अभी अभी
कमनसिबी इन अमिरोंकी देखो आज भी दिल बिकते नही बाजारोंमे........