चश्मदीद थे जो मौका -ए - हालात के आज कातिल के सारे गवाह हो गए हम लुटेरों की बस्ती में महफूज़ थे दोस्तों से मिले तो तबाह हो गए
इन दरख्तों की खामोशियाँ देखिये बारिशों में नहाकर चहकने लगे