ये मेरी इबादत का ही असर है ,
जो तू अपने मकसद में नाकाम है ,
मुझे रुखसत करना तेरा मुकाम है ,
तुझे हासिल करना मेरा मुकाम है !"
किस्मत का खामियाज़ा सभी को भुगतना पड़ता है ,
खुदा का किया फ़ैसला सभी को सहना पड़ता है ,
हारता है वो जिसकी नियत खराब होती है ,
जीतता है वो जो सिर्फ़ सच्चे दिल से लड़ता है !
इसे मेरी गनीमत समझो या तेरी किस्मत ,
कि मैं अभी तक अपनी हद में हूँ ,
जिस दिन भी ये प्यार का सैलाब उमड़ेगा ,
तो तू मेरी बाहों में होगा
वो आज भी उसी दरिया के किनारे बैठा था ,
जहाँ मैने उसे अपने इंतजार के लिए छोड़ा था ,
जमाने ने उसे ना जाने क्या-क्या कहकर पुकारा,
पर सच तो ये है -सिर्फ़ मैने और सिर्फ़ मैने ही मुँह मोड़ा था ! "
" यूँ चाहत आज़माने का हुनर तू मुझे भी सिखा हूबहू ,
जब कल कोई ये दिल तोड़े तो ये फूट - फूट के ना रोए !"
" इक छोटा सा अरमान ही तो है ,
एक तिलक लगाऊं ललाट पर ,
उसके जीवन में मेरी भी जगह रहे ,
चाहे वो रहे ज़मीं पर या हो सातवें आसमाँ पर !"
"मौजूदगी उसकी मेरी हर साँस में है ,
हम दोनों ही डूबे हैं प्यार की ख्वाहिश में ,
जब भी बरसेगा सावन मेरी चाहत का ,
वो रब भी नाचेगा मेरे इश्क की बारिश में !"
" मेरे प्यार की सच्चाई सिर्फ़ इतनी सी है ,
उसकी मोहब्बत को जितना भी भूलो तो
वो दिन पर दिन बढ़ती ही जाती है "
" आज उसके चेहरे पे रंगत और होंठों पे मुस्कान है ,
ऐ - खुदा ये मेरी ईद का तोहफा है या तेरा कोई फरमान है !"
" इश्क की सौगात नसीब वालों को मिला करती है ,
ये वो जन्नत की मन्नत है जो मिन्नतों से मिला करती है ! "
" दिलों के रास्तों में अब तब्दीलियाँ हो चुकी हैं ,
अब ये दरवाजा सूरत पे नही सीरत पे खुलता है !"
" कभी माया है तो कभी आदि है ,
नारी शक्ति के रूप निराले हैं ,
जिसने माँ की ममता को पहचान लिया ,
उसके तो वारे - न्यारे हैं !"
" जाओ कह दो उन दीवानों से ,
मत उलझना किसी के सच्चे अरमानों से ,
ये रिश्ता तो है बस नाज़ुक जज्बातों का ,
प्यार नहीं होता बयाँ इन झूठी ज़ुबानों से !"
" दूर हूँ तुझसे तो बस इस नसीहत से ,
कहीं तुझे पाते पाते मैं खुद को ना खो दूं !"
" कौन यहाँ अपना है और कौन यहाँ चोर है ,
इस मसले को मैं समझ नही पाता हूँ ,
बड़ा ही विचित्र द्रश्य होता है मेरे चेहरे का ,
जब अपनी ही पोस्ट को अपनी ही वॉल पे ,
किसी दूसरे के नाम से पाता हूँ !
" क्यूं भटकता है तू राही , खुदा की तलाश में दर - बदर ,
कभी सिद्धत से अपने जहन में झाँक कर तो देख !"
" बढ़ता ही जा अपने पथिक ,
यहाँ रहगुजर तो बहुत हैं ,
तू एक नही दो कदम बढ़ा ,
पीछे खींचने वाले बहुत हैं !"
" रात को ख्वाबों में मैने ख्वाबों से बोल दिया ,
तुम्हे कोई हक़ नही है मुझे यूँ सताने का ,
छोटी सी जिंदगी में इतने बड़े ख्वाब दिखाने का !"
" आज रूबरू कर लो खुद को खुद से ,
जिंदगानी का यहाँ कोई भरोसा नही है ,
क्यूँ करते हैं वादे यहाँ सभी उम्र भर के ,
जब अगले पल से हम वाकिफ़ ही नहीं हैं ! "
" ऐ - खुदा ये तूने कैसा रहम बरपाया है मुझ पे ,
मेरा आशियाना उजड़ गया तेरे आशियाने में ! "
" मेरे हौंसले की बुलंदियों की बात ना करना ,
ये तो मेरे हसरतों के काफिले से भी ऊँची हैं ! "
" अब साज़िशों के पन्ने पलट - पलट कर थक गया हूँ मैं ,
कोई तो यहाँ ऐसा हो जिसे आँख बंद कर पढ़ सकूँ ,!"
" खुशी के रंगों को बिखेरना पड़ता है यहाँ ,
वरना गमगीन फलकों के नज़ारे तो हर तरफ हैं ,
दिलों में प्यार का राग छेड़ना पड़ता है यहाँ ,
वरना फरेबी साए के तराने तो हर तरफ हैं !"