www.swargvibha.in






एक पहेली...

 

 

हास्य रचना :
एक पहेली...
संजीव
*
लालू से लाली हँस बोली: 'बूझो एक पहेली'
लालू थे मस्ती में बोले: 'पूछो शीघ्र सहेली'
लाली बोली: 'किस पक्षी के सिर पर पैर बताओ?
अकल लगाओ, मुँह बिसूर खोपड़िया मत खुजलाओ,
बूझ सकोगे अगर मिलेगा हग-किस तुमको आज
वर्ना झाड़ू-बर्तन करना, पैर दबा पतिराज'
कोशिश कर हारे लालूजी बोले 'हल बतलाओ
शर्त करूँगा पूरी मन में तुम संदेह न लाओ'
लाली बोली: 'तुम्हें रहा है सदा अकल से बैर'
'तब ही तुमको ब्याहा' मेरी अब न रहेगी खैर'
'बकबकाओ मत, उत्तर सुनकर चलो दबाओ पैर
हर पक्षी का होता ही है देखो सिर, पर, पैर
माथा ठोंका लालू जी ने झुँझलाये, खिसियाये
पैर दबाकर लाली जी के अपने प्राण बचाये।
******

 

 

 

संजीव ‘सलिल’

 

 

 

HTML Comment Box is loading comments...
 

Free Web Hosting