घनाक्षरी - "फैशन.
बिल्ली ने फैशन करी फैशन हुयी ये व्यर्थ,
पीने को पानी नहीं है फैशन का क्या अर्थ?|
है फैशन का क्या अर्थ जहां क़ानून नहीं है,
कर्म - व्यवस्था पर भी लागू धर्म नहीं है |
फैशन तब ही होय क़ानून- बनाये दिल्ली,
बिना चोट फैशन हो खुश हो जाये बिल्ली |
वरना सर फूटेंगे - टूटेंगी सबकी टांगें,
व्यर्थ रहेगा "फैशन" इंसान हो या बिल्ली |