www.swargvibha.in






जय शिवशंकर

 

 

तमाधिपति रुद्राय, जगत्पते शंकराय,
प्रकट भृकुट मध्ये, आदिसृष्टा ब्रह्माय,
काम नाशाय, धीर नित्य मायासंगाय,
नमामि नित्यं अहं, कैलाशपति शिवाय ।

 

 

पुनः नमामि महेश्वराये,

 

 

' रवीन्द्र '

 

 

HTML Comment Box is loading comments...
 

 

Free Web Hosting