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लक्षण छंद

 

 

 

छंद सलिला:

१५ मात्रा का तैथिक छंद : चौबोला

संजीव
*

लक्षण: २ पद, ४ चरण, प्रतिचरण १५ मात्रा, चरणान्त लघु गुरु

लक्षण छंद:

बाँचौ बोला तिथि पर कथा, अठ-सत मासा भोगे व्यथा

लघु गुरु हो तो सब कुछ भला, उलटा हो तो विधि ने छला

(संकेत: तिथि = १५ मात्रा, अठ-सत = आठ-सात पर यति, लघु-गुरु चरणान्त)

उदाहरण:

१. अष्टमी-सप्तमी शुभ सदा, हो वही विधि लिखा जो बदा

कौन किसका हुआ कब कहो, 'सलिल' जल में कमल सम रहो

२. निर्झरिणी जब कलकल बहे, तब निर्मल जल धारा गहे

रुके तड़ाग में पंक घुले, हो सार्थक यदि पंकज खिले

३. लोकतंत्र की महिमा यही, ताकत जन के हाथों रही

जिसको चाहा उसको चुना, जिसे न चाहा बाहर किया

 

 

 

 

संजीव ‘सलिल’

 

 

 

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