रिश्ते कभी भी कुदरती मौत नही मरते! इनको हमेशा इंसान ही कत्ल करता है. . .
कभी नफरत से! कभी नज़रअंदाजी से! तो कभी गलतफहमी से!:)"
संचिता घोष