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उमर कैद

 

 

हास्य सलिला:

उमर कैद

संजीव

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लालू पहुँचे कचहरी बैठे चुप दम साध

जज बोलीं: 'दिल चुराया, है चोरी अपराध

हाथ जोड़ उत्तर दिया: ' क्षमा करें सरकार!

दिल देकर दिल ले लिया, किया महज व्यापार'

'लाइसेंस-कर के बिना, बिजनेसकरना दोष'

मौका मिले हुजूर तो भर देंगे हैम कोष'

'बेजा कब्जा कर बसे दिल में छीना चैन

रात ख्वाब में आ रहे, भले बंद हों नैन'

'लाख करो इंकार पर मानेंगे इकरार

करो जुर्म स्वीकार चुप, बंद करो तकरार'

'देख अदा लत लग गयी, किया न कोई गुनाह

बैठ अदालत में भरें नित दिल थामे आह'

'नहीं जमानत मिलेगी, सात पड़ेंगे फंद'

उमर कैद की सजा सुन , हुई बोलती बंद

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संजीव ‘सलिल’

 

 

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