श्री माथुर और श्री रैड्डी पड़ौसी थे। एक ही समय एक ही दफ़्तर मे जाना होता
था। काफ़ी दिनो से दोनों एक ही कार मे जाने लगे थे।रास्ता अच्छा कट जाता था
,पैट्रोल की बचत के साथ पर्यावरण सुरक्षा की ओर बढ़ाया एक क़दम भी था। श्री
रैड्डी का रोज़ का नियम था कि वो निश्चित समय पर माथुर साहब को फोन करते और
कहते ‘’आर यू रैड्डी (ready) ? माथुर साहब कहते ‘’यस आइ ऐम।‘’ये दो मिनट का
वार्तालाप रोज़ की बात थी फिर दोनो औफिस जाने के लियें निकल पड़ते।
एक बार माथुर साहब के भाई उनके घर आये हुए थे जो डाक्टर हैं।रोज़ की तरह
श्री रैड्डी ने फोन किया ‘’आर यू रैड्डी (ready) ?‘’फोन उनके भाई ने उठाया
और जवाब दिया ‘’नो आई ऐम नौट रैड़्डी(Reddy), आइ ऐम डाक्टर माथुर।‘’
श्री रैडडी के उच्चारण मे Reddy और ready मे भेद कर पाना किसी के लियें भी
मुश्किल था।
बीनू भटनागर