बाबू साहब करवा दें, यदि आप मेरा काम
भर दूँगा मुँह नोट से, बाहर भी लूंगा नाम
बाहर भी लूंगा नाम, लोग और भी आयेंगे
थोड़े दिन में गाड़ी बंगला घर ला पायेंगे
परेशानी पैसों की चुटकी में होगी गायब
खबर न होगी अंडरटेबल लेते हैं बाबू साहब
सुनील मिश्रा "साँझ"