गरीबी से प्रताड़ित
मंदिर के रबा
उनकी यादो में
बाइलो
कह रहे थे वो
"
दीपक" से आशा
एक बार तो प्यार करो मुझसे
उस खुशबू कि पहचान अगर कर लेता तो अच्छा होता
आज दीपक ये क्यों भुझ रहा