“अश्को के घुंघरू “
नसीब
हथेली पे उतारा हमने
“सीराहने पे आ मिलते हैं ”
"नहीं"
"तन्हाई"
काफी है "
हो जाने दो "
"ऐसा ना हो जाए "
"जिदगी भर यही सोचता रह गया"
" मेरी उम्मीदों को नाकाम ना होना देना "
"कर गयी"
"लगा हूँ"
"बरसात हो"
मै डरती हूँ
झील को दर्पण बना
"हवा"
"
तुम्हारी बाट मे"
"मौन का उपवास"
" मायाजाल"
कभी किसी रोज"
विमुखता
एहसास
कैसे जान पाओगे"
मधुर एहसास
“बारिशों ने घर बना लिए"
"वादों के पुष्प"
तड़पने की दरखास्
त
“हाँ खैरात हूँ मै ”