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रचानाएँ आमंत्रित
जब भी तुम याद आती हो आँखों से सागर छलका जाती हो !!
ज़िन्दगी क्या होती हे !!
बंद आँखों मे कितने सारे ख्वाब हे !!
धडकनों का धडकना नहीं आसाँ , सांसो का चलना भी मुश्किल है !!
क्या हो गया ज़रा देश का हाल तो देखो
यार ये कैसी बेवफाई है
हम जब भी घर से निकले है , हर मोड़ पर टकराए है
यादे
प्रेम [एक अनश्वर एहसास ]
देशप्रेम [ भ्रस्ट्राचार के विरुद्ध एक जंग ]
चलते चलते निकल आए किन रास्तो पर
ऐसा एक जहान मिले